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21.8.17

सौंफ है गुणों का खजाना


सौंफ सम्पूर्ण सँसार में बहुत ज्यादा  उपयोग में  आने वाला मसाला है । अपने विशिष्ट स्वाद और मनभावन सुगन्ध के कारण यह विशेष मौको पर बनाये जाने वाले व्यंजनों का हिस्सा जरूर रहता है । खाने के बाद सौंफ का प्रयोग एक अच्छा माउथफ्रेशनर के तौर पर किया ही जाता है । प्रस्तुत लेख में प्रकाशित आयुर्वेद क्लीनिक, मेरठ के सौजन्य से हम आपको बता रहे हैं कि इस छोटी सी सौंफ से हमको कितने बड़े बड़े लाभ मिलते हैं
सौंफ है गुणकारी नेत्र विकारों में :-
125 ग्राम सौंफ लेकर उसको बारीक पीस लें और एक लीटर पानी के साथ तांबे के बरतन में घोलकर रख दें । सुबह इस पानी को सबसे हल्की आग पर तांबे के बरतन में ही पकने के लिये रख दें और चलाते रहें जिससे बरतन में नीचे लगे ना । जब पकते पकते बहुत गाढ़ा अवलेह जैसा हो जाये तो एक शीशी में सुरक्षित रख लें । यह आँखों के लिये अन्जन का काम करता है । रोज रात को सोते समय आँखों में अन्जन की तरह लगाकर सोने से नेत्र विकारों में बहुत लाभ होता है ।

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सौंफ बहुत गुणकारी है गला बैठ जाने पर :-
गला बैठ जाना जिसको स्वर भंग होना भी बोलते हैं की समस्या में सौंफ बहुत लाभकारी होती है । गला बैठ जाने की समस्या अगर हो जाये तो भुनी हुयी सौंफ को मिश्री के साथ चूसते रहने से गला खुल जाता है और आवाज भी साफ आने लगती है ।
सौंफ से मिलता है आराम मूत्र विकारों में :-
पेशाब में जलन होना और रुक कर पेशाब आना ये दो प्रमुख मूत्र रोग हैं जो सामान्य हर किसी को हो ही जाते हैं । इन समस्याओं के लिये सौफ से बहुत अच्छा लाभ लिया जा सकता है । 20 ग्राम सौफ का काढ़ा पकाकर उसमें 1 ग्राम खाने का सोडा मिलाकर रोज दो या अधिकतम तीन बार सेवन करने से पेशाब की पुरानी जलन में भी आराम मिलने लगता है

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 सौंफ से लाभ मिलता है फोड़े फुन्सियों में भी :-
गरमी के मौसम में हो जाने वाले फोड़े और फुन्सियों में भी सौंफ आराम देती है । सौंफ के तेल से फोड़े और फुन्सियों पर मालिश करने से वो ठीक हो जाते हैं और त्वचा पर निशान भी नही रहते हैं । ये तेल आपको अपने आसपास किसी जड़ी बूटी वाले की दुकान पर अथवा आयुर्वेदिक दवाओं की दुकान पर आसानी से मिल जायेगा ।
सौंफ खाने से रहता है मुँह साफ :-
तवे पर सूखी गयी सौफ को दो चुटकी सेंधा नमक के साथ मिलाकर मुँह में डालकर धीरे धीरे चबाने से और उसकी लार को मुँह में चलाकर थूक देने से मुँह के अन्दर की सारी गन्दगी निकल जाती है और मुँह साफ हो जाता है । इस प्रयोग से मुँह से आने वाली बदबू भी दूर होती है और साँसों में ताजगी आ जाती है ।

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सौंफ है लाभकारी मुँह आने में :-
मुँह का आना अर्थात जीभ पर छाले हो जाना और पूरी मुखगुहा का पक जाना बहुत ही कष्टकारी रोग है । इस दशा में भी यह सौफ लाभकारी पाया जाता है । 10 ग्राम सौंफ 10 ग्राम फिटकरी को 200 मिलीलीटर पानी के साथ पकाकर इस पानी को ठण्डा कर लें और कुल्ले करें । ये कुल्ले रोज दो या तीन बार करने से मुँह आने की समस्या में जल्दी आराम हो जाता है ।
सौंफ है कब्ज़ का पक्का इलाज :-
कब्ज के रोगियों को सबसे बड़ी समस्या रहती है कि कई कई बार जाने के बाद भी पेट खुलकर साफ नही होता है । ज्यादा जोर लगा देते हैं तो गुदा में जलन की समस्या हो जाती है । इस परेशानी का समाधान छिपा है इस छोटी सी सौंफ में । बाजार से आधा किलो गुलकंद लाकर उसमें 200 ग्राम सौंफ को बहुत अच्छी तरह से मिलाकर रख लें । रोज दो बार 30-30 ग्राम की मात्रा में सेवन करने और उसके बाद गरम पानी पीने से हफ्ते भर में ही शौच खुलकर होने लगती है । यह कई रोगियों का आजमाया हुआ प्रयोग है ।

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सौंफ को दरदरा कूटकर 10 ग्राम लेकर उसका आधा लीटर पानी में काढ़ा पकायें । जब पानी चौथाई अर्थात 125 मिलीलीटर शेष रहे तो इसको ठण्डा करके पी जायें । यह काढ़ा सिर के दर्द का समाधान कर देता है ।
सौंफ के प्रयोग से मिलता है दस्तों में आराम :-
100 ग्राम सौंफ लेकर उसको हल्का भून लें और चूर्ण बना लें इसमें बरामर मात्रा में पिसी मिश्री मिलाकर रख लें । इस स्वादिष्ट चूर्ण का सेवन ताजी बनी छाछ के साथ करने से दस्त के रोगी को आराम मिलता है । ध्यान रखें कि यदि दोपहर के बाद छाछ पी रहे हैं तो बहुत कम मात्रा लगभग 50-100 मिलीलीटर ही पीनी चाहिये । शाम 4 बजे के बाद तो छाछ का सेवन बिल्कुल भी नही करना चाहिये ।

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सौंफ से मिलता है पेट के अफारे में आराम :-
कुछ भी हल्का या भारी खाने के बाद जिन रोगियों को तुरन्त पेट फूलने और अफारा आने की समस्या हो जाती है उनके लिये ये हरे बीज किसी वरदान से कम नही होते हैं । इस तरह के रोगी 20 ग्राम सौंफ लेकर उसको 200 मिलीलीटर जल के साथ पकायें । जब पकते पकते आधा जल शेष रहे तो उसको उतारकर छानकर पी जायें । यह प्रयोग रोज दो तीन बार करने से पेट में अफारे की यह समस्या चली जाती है ।
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