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18.8.19

खांसी-जुकाम दूर करने के नुस्खे


खांसी-जुकाम हर बदलते मौसम के साथ आने वाली समस्या है। खांसीबैक्टीरियल या वायरल इन्फेक्शन, एलर्जी, साइनस इन्फेक्शन या ठण्ड के कारण हो सकती है लेकिन हमारे देश में हर परेशानी के लिए लोग डॉक्टरों के पास नहीं जाते। हमारी ही किचन में कई ऐसे नुस्खे छिपे होते हैं जिनसे खांसी-जुकाम जैसी छोटी-मोटी बीमारियां फुर्र हो जाती हैं।
इन सामान्य सी दिखने वाली बीमारियों का अगर सही समय पर उपचार न किया जाए तो ये आपके शरीर में गंभीर समस्या पैदा कर देती है। खांसी भी एक ऐसी समस्या है, जो मौसम में बदलाव से आपको दिक्कत दे सकती है। मौसम की जरा सी करवट लोगों को खांसी और जुकाम जैसी समस्याएं दे सकती है। अगर खांसी का समय रहते इलाज न किया जाए तो ये टीबी का रूप ले सकती है। हालांकि खांसी होने पर ये पता होना जरूरी है कि आपको कैसी खांसी है। सूखी खांसी और बलगम वाली खांसी ज्यादातर लोगों को परेशान करती है।'
खांसी चाहे बड़े को हो या फिर बच्चों को सभी को परेशान कर देती है। ये एक ऐसी समस्या है जो घर के किसी भी सदस्य को होने पर पूरे घर को तकलीफ में डाल देती है। खांसी होने पर इंसान को अपने सभी काम करने में दिक्कत आती है और उसका किसी भी काम में मन नहीं लगता। अगर आप भी बाजार से खांसी का सिरप ले लेकर परेशान हो गए हैं और आपकी खांसी जाने का नाम नहीं ले रही है तो हम आपको इसी समस्या से निजात पाने का बेहद आसान और अचूक उपाय बताने जा रहे हैं, जिसे आजमाकर आप मिनटों में खांसी की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।
खांसी को दूर करने के असरदार उपाय


लहसुन

लहसुन की कलियों को कच्चा चबाएं या इसे पानी में उबालकर काढ़े के रूप में इसका इस्तेमाल करें। दोनों ही तरीकों से यह फायदेमंद है। तीखेपन को दूर करने के लिए इसमें स्वादानुसार शहद की मात्रा मिलाई जा सकती है।
*अगर आपको सूखी खांसी है तो एक बतासे में थोडा सा लौंग का तेल लगाकर खा लें। ऐसा करने से आपको सूखी खांसी में काफी राहत मिलेगी।
नमक वाला पानी
सूखी हो या कफ, दोनों ही प्रकार की खांसी के इलाज में नमक मिला पानी पिएं, साथ ही इससे गारगल भी करें। इसकी गर्माहट मिलने से गले में हो रही परेशानियों दूर होती हैं।
इसके अलावा आप सूखी खांसी से राहत पाने के लिए आप मुंह में सौंफ रखकर चबाएं। नियमित रूप से ऐसा करने से खांसी से छुटकारा मिलता है।
तुलसी
तुलसी के पत्ते कई प्रकार की बीमारियों को दूर करते हैं। खांसी के साथ ही सर्दी-जुकाम की समस्या भी बनी हुई है तो लहसुन, अदरक, काली मिर्च, अजवाइन और तुलसी की पत्तियों को एक साथ उबालकर इसका काढ़ा बनाएं। बहुत ही असरदार इलाज है। यहां तक कि डॉक्टर भी इसे पीने की सलाह देते हैं।
नींबू
नींबू का रस सेहत से लेकर सुंदरता तक को बढ़ाने में बहुत ही फायदेमंद होता है। खांसी की समस्या से बहुत ज्यादा परेशान हैं तो नींबू के रस में हल्का सा शहद मिलाकर दिन में कम से कम 3-4 बार पिएं। बहुत जल्द आराम मिलेगा।
गाय का घी 
खांसी से छुटकारा पाने का सबसे अचूक तरीका है गाय के घी को लेकर उसे छाती पर मलना। दिन में दो बार ऐसा करने से भी खांसी में जल्दी आराम मिलता है।

शहद में आंवले का पाउडर
अगर आप खांसी की समस्या को जड़ से मिटाने चाहते हैं तो एक चम्मच शहद में आंवले के पाउडर की थोड़ी मात्रा मिलाएं और सुबह-शाम उसका उसका सेवन करें। नियमित रूप से ऐसा करने से खांसी की समस्या से राहत मिलेगी।



सरसों तेल की मालिश

दवाईयां खाने के बाद भी अगर खांसी कम नहीं हो रही है और खांसते-खांसते आपके सीने में दर्द हो गया है, तो आप सरसों तेल को गर्म करके उसमे थोडा कपूर मिला कर अच्छी तरह से छाती और पीठ की मालिश करें। दिन में तीन बार तक ऐसा करने से खांसी की समस्या और दर्द से छुटकारा मिलता है।

अगर आप जल्द से जल्द खांसी को ठीक करना चाहते हैं तो एक चम्मच हल्दी पाउडर को दूध में मिलाकर पीएं। ऐसा करने से खांसी की समस्या से निजात मिलती है।
अदरक
अदरक के टुकड़ों को शहद के साथ मिलाकर चबाएं। इसके अलावा अदरक का जूस निकालकर उसमें शहद की कुछ बूंदे मिलाकर पीना भी बहुत ही फायदेमंद रहेगा।
शहद
सिर्फ शहद चाटना भी खांसी दूर करने का कारगर फॉर्मूला है। रात को सोने से पहले 1 चम्मच शहद पिएं। इसकी एंटी-बैक्टीरियल तत्व खांसी से जल्द राहत दिलाता है।
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15.7.17

न्यूमोनिया की आयुर्वेदिक चिकित्सा -डॉ॰आलोक






मानसून में होने वाली बीमारियों में निमोनिया एक ऐसी बीमारी है जो कि बच्चों में सामान्यत: पाई जाती है। यदि किसी को लगातार तेज बुखार, सांस लेने में तकलीफ, छती में दर्द, बलगम वाली खांसी और नाड़ी तेज चल रही हो (150 बीट्स प्रति मिनट), तो उसकी देखभाल बहुत जरूरी है, यह निमोनिया हो सकता है।
निमोनिया एक संक्रमण है जो कि फेफड़ों को प्रभावित करता है। फिर भी, बच्चे और बड़ी उम्र के लोग इसे ज्यादा प्रभावित होते हैं क्यों कि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता युवाओं की तुलना में कम होती है। जब भी उनमें यह संक्रमण होता है उन्हें कमजोरी महसूस होती है और उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती करना जरूरी हो जाता है।
निमोनिया एक इन्फ़ैकशन है जो कि बैक्टीरिया, वायरस और कवक से फैलता है। इस बीमारी से दूर रहने के लिए स्वच्छता का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। आज हम आपको निमोनिया के इलाज की 8 प्रभावी औषधियाँ बता रहे हैं, आइए जानें..

*लहसुन का पेस्ट
लहसुन से शरीर का तापमान कम होता है और यह निमोनिया में प्रभावी है। लहसुन की कुछ पोथियां लें और मसलकर इनका पेस्ट बना लें। इसे छाती पर मसलें।
*लौंग और काली मिर्च
5-6 लौंग और काली मिर्च लें और 1 पानी के गिलास में 1 ग्राम सोडा लेकर इन्हें उबाल लें। इसे दिन में 1-2 बार लें। इससे निमोनिया में राहत मिलेगी।
* हल्दी
यह निमोनिया की आयुर्वेदिक औषधि है। हल्दी को गुनगुने पानी में मिलाएँ, इसे छाती पर लगा दें, अब गरम ईंट पर गरम किया हुआ कपड़ा लगा दें। इससे छाती में उत्तेजना होगी और निमोनिया की सूजन दूर होगी।
* सन के बीज, तिल और शहद मिलाएँ
एक टेबलस्पून सेम के बीज, तिल और शहद मिलाएँ, इसमें एक चुटकी नमक डालें और पानी मिलाएँ। इसका दिन में दो बार सेवन करें। इससे सूजन कम होती है।
* ब्लैक टी और मेथी का मिश्रण
दो टी स्पून मेथी पाउडर में एक कप ब्लैक टी मिलाएँ। यदि आवश्यक हो तो चीनी भी मिलाएँ और दिन में एक बार पियें। इससे निमोनिया दूर होगा।


*तुलसी की पत्तियों का रस

तुलसी की कुछ पत्तियाँ लें, इन्हें मसलकर इनका रस निकाल लें। इसमें थोड़ी काली मिर्च मिलाएँ और 6 घंटे में एक बार पियें। यह भी निमोनिया में कारगर है।
*पुदीने की पत्तियाँ
पुदीने की कुछ पत्तियाँ लें, इन्हें मसलकर रस निकाल लें। इसमें एक टेबल स्पून शहद मिला लें और दो-तीन घंटों के अंतराल से लें।
* त्रिफला और अश्वगंधा
खाने में त्रिफला और अश्वगंधा के साथ थोड़ी अदरक और इलायची मिलाने से भी निमोनिया का इलाज होता है।
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13.5.16

एलर्जी (चर्म रोग) की आयुर्वेदिक चिकित्सा.allergy



एलर्जी कई प्रकार की होती हैं। इस तरह के सभी रोग परेशान करने वाले होते हैं। इन रोगों का यदि ठीक समय   पर इलाज न किया गया, तो परेशानी बढ़ जाती है। त्वचा के कुछ रोग ऐसे होते हैं, जो अधिक पसीना आने की जगह पर होते हैं दाद या खुजली। परंतु मुख्य रूप से दाद, खाज और कुष्ठ रोग मुख्य हैं। इनके पास दूसरे लोग बैठने से घबराते हैं। परंतु  इतना परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है। इन रोगों में ज्यादातर साफ सफाई रखने की जरूरत होती है। वरना ये खुद आपके ही शरीर पर जल्द से जल्द फैल सकते हैं। तथा आपके द्वारा इस्तेमाल की गई चीजें अगर दूसरे लोग इस्तेमाल करते हैं, तो उन्हें भी यह रोग लग सकता है।

 यह  रोग रक्त की अशुद्धि से भी होता है। एक्जिमा, दाद, खुजली हो जाये तो उस स्थान का उपचार करें। ये रोग अधिकतर बरसात में होता है। जो बिगड़ जाने पर जल्दी ठीक नहीं होता है। उपचार ; फिटकरी के पानी से प्रभावित स्थान को धोकर साफ करें। उसपर  कपूर सरसों का तेल लगाते रहें।
आंवले की गुली जलाकर राख कर लें उसमें एक चुटकी फिटकरी, नारियल का तेल मिलाकर इसका पेस्ट उस स्थान पर लगाते रहें। विकार दूर करने के लिये खट्टी चीजें,, मिर्च, मसाले से दूर रहें। जब तक उपलब्ध हो गाजर का रस पियें दाद में।
विटामिन ए की कमी से त्वचा शुष्क होती है। ये शुष्कता सर्दियों में अधिक बढ़ जाती है। इस कारण सर्दियों में गाजर का रस पियें ये विटामिन ए का भरपूर स्त्रोत है। 

चुकंदर के पत्तों का रस, नींबू का रस मिलाकर लगायें दाद ठीक होगा। गाजर व खीरे का रस बराबर-बराबर लेकर चर्म रोग पर दिन में चार बार लगायें। चर्म रोग कैसा भी हो उस स्थान को नींबू पानी से धोते रहें लाभ होगा। रोज सुबह नींबू पानी पियें लाभ होगा। नींबू में फिटकरी भरकर पीड़ित स्थान पर रगड़े लाभ होगा।

चंदन का बूरा, नींबू का रस बराबर मात्रा में मिलाकर पेष्ट बनाऐं व दाद, खुजली पर लगायें। दाद होने पर नीला थोथा, फिटकरी दोनों को आग में भूनकर पीस लें फिर नींबू निचोड़कर लेप बनाऐं और दाद पर लगायें पुराना दाद भी ठीक हो जायेगा।
दाद पर जायफल, गंधक, सुहागा को नींबू के रस में रगड़कर लगाने से लाभ होगा। दाद व खाज के रोगी, उबले नींबू का रस, शहद, अजवाइन के साथ रोज सुबह शाम पियें। दाद खाज में आराम होगा। नींबू के रस में इमली का बीज पीसकर लगाने से दाद मिटता है।
पिसा सुहागा नींबू का रस मिलाकर लेप बनाऐं तथा दाद को खुजला कर उस पर लेप करें। दिन में चार बार दाद को खुजलाकर उस पर नींबू रगड़ें। 
सूखें सिंघाड़े को नींबू के रस मे घिसें इसे दाद पर लगायें पहले तो थोड़ी जलन होगी फिर ठंडक पड़ जायेगी इससे दाद ठीक होगा। तुलसी के पत्तों को नींबू के साथ पीसें यानी चटनी जैसा बना लें इसे 15 दिन तक लगातार लगायें। दाद ठीक होगा।
प्याज का बीज नींबू के रस के साथ पीस लें फिर रोज दाद पर करीब दो माह तक लगायें दाद ठीक होगा। नहाते समय उस स्थान पर साबुन न लगायें। पानी में नींबू का रस डालकर नहायें। दाद फैलने का डर नहीं रहेगा।
पत्ता गोभी, चने के आटे का सेवन करें। नीम का लेप लगायें। नीम का शर्बत पियें थोड़ी मात्रा में। प्याज पानी में उबालकर प्रभावित स्थान पर लगायें। कैसा भी रोग होगा ठीक हो जायेगा। लंम्बे समय तक लगाये। प्याज के बीज को पीसकर गोमूत्र में मिलाकर दाद वाले हिस्से पर लगायें। प्याज भी खायें। बड़ी हरड़ को सिरके में घिसकर लगाने से दाद ठीक होगा। ठीक होने तक लगायें। चर्म रोग कोई भी हो, शहद, सिरका मिलाकर चर्म रोग पर लगाये मलहम की तरह। कुष्ठ रोग में भी शहद खायें, शहद लगायें। तुलसी का तेल बनाएं चर्म रोग के लिये– जड़ सहित तुलसी का हरा भरा पौधा लेकर धो लें, इसे पीसकर इसका रस निकालें। यह रस आधा किलो पानी,आधा किलो तेल मे डालकर हल्की आंच पर पकाएं, जब तेल रह जाए तो छानकर शीशी में भर कर रख दें। तेल बन गया। इसे सफेद दाग पर लगाएं। इन सब इलाज के लिए धैर्य की जरूरत है। कारण ठीक होने में समय लगता है। 

सफेद दाग में नीम एक वरदान है। कुष्ठ रोग का इलाज नीम से करें| नीम लगाएं, नीम खाएं, नीम पर सोएं, नीम के नीचे बैठे, सोये यानि कुष्ठ रोग के व्यक्ति जितना संभव हो नीम के नजदीक रहें। नीम के पत्ते पर सोएं, उसकी कोमल पत्तियां, निबोली चबाते रहें। रक्त शुद्धिकरण होगा। अंदर से त्वचा ठीक होगी। कारण नीम अपने में खुद एक एंटीबायोटिक है। इसका वृक्ष अपने आसपास के वायुमंडल को शुद्ध, स्वच्छ, कीटाणुरहित रखता है। इसकी पत्तियां जलाकर पीसकर नीम के ही तेल में मिलाकर घाव पर लेप करें। नीम की फूल, पत्तियां, निबोली पीसकर इसका शर्बत चालीस दिन तक लगाताकर पियें। कुष्ठ रोग से मुक्ति मिलेगी। नीम का गोंद, नीम के ही रस में पीसकर पिएं थोड़ी-थोड़ी मात्रा से शुरू करें इससे गलने वाला कुष्ठ रोग भी ठीक हो जाता है
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