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17.8.19

डिमेंशिया यानि की मनोभ्रंश के घरेलू आयुर्वेदिक उपचार



मनोभ्रंश स्मृति, सोच और सामाजिक क्षमताओं को प्रभावित करने वाले लक्षणों वाली एक बीमारी होती है जो आपके दैनिक जीवन में गंभीर रूप हस्तक्षेप करती है और कई समस्याएं उत्पन्न करती है जिसका समय से इलाज करना बहुत ही जरुरी है और इसका इलाज करने के कई घरेलू उपाय भी है जिनसे आप डिमेंशिया रोग को ठीक कर सकते है। यह कोई खास बीमारी नहीं है, लेकिन कई अलग-अलग बीमारियों की वजह से मनोभ्रंश की स्थिति पैदा हो सकती है। हालांकि मनोभ्रंश में आम तौर पर स्मृति हानि ही होती है, और इस स्मृति हानि के अलग-अलग कारण हैं। अल्जाइमर रोग की वजह से वयस्कों में होने वाली मनोभ्रंश की समस्या सबसे आम कारण है, लेकिन मनोभ्रंश के और भी कई कारण होते हैं।
डिमेंशिया के लक्षण कई रोगों के कारण पैदा हो सकते है. ये सभी रोग मस्तिष्क की हानि करते हैं. क्योंकि हम अपने सब कामों के लिए अपने मस्तिष्क पर निर्भर हैं, डिमेंशिया से ग्रस्त व्यक्ति अपने दैनिक कार्य ठीक से नहीं कर पाते. इन व्यक्तियों की याददाश्त कमजोर हो सकती है. उन्हें आम तौर के रोजमर्रा के हिसाब में दिक्कत हो सकती है, और वे अपना बैंक का काम करने में भी कठिनाई महसूस कर सकते हैं. घर पर पार्टी हो तो उसका आयोजन करना उनके लिए मुश्किल हो सकता है. कभी कभी वे यह भी भूल सकते हैं कि वे किस शहर में हैं, या कौन सा साल या महीना चल रहा है. बोलते हुए उन्हें सही शब्द नहीं सूझता. उनका व्यवहार बदला बदला सा लगने लगता है, और व्यक्तित्व में भी फ़र्क आ सकता है. यह भी हो सकता है के वे असभ्य भाषा का प्रयोग करें या अश्लील तरह से पेश आएँ, या सब लोगों से कटे-कटे से रहें. साल दर साल डिमेंशिया से ग्रस्त व्यक्ति की स्थिति अधिक खराब होती जाती है, और बाद की अवस्था में उन्हें साधारण से साधारण काम में भी दिक्कत होने लगती है, जैसे कि चल पाना, बात करना, या खाना ठीक से चबाना और निगलना, और वे छोटी से छोटी चीज के लिए भी निर्भर हो जाते हैं. वे बिस्तर पर पड़ जाते है, और उनका अंतिम समय आ जाता है. जब व्यक्ति में लक्षण नजर आने शुरू होते हैं तो आस-पास के लोग–परिवार-वाले, दोस्त और प्रियजन, सहकर्मी, पड़ोसी–यह समझ नहीं पाते कि व्यक्ति इस अजीब तरह से क्यों पेश आ रहा है. कभी व्यक्ति परेशान या भुलक्कड़ लगता है, तो कभी सहमा हुआ, तो कभी झल्लाया हुआ, या बेकार गुस्सा करता हुआ. बदला व्यक्तित्व अकसर चरित्र की खामी समझा जाता है. यदि व्यक्ति बुज़ुर्ग हों, तो परिवार वाले अकसर भूलने या अन्य लक्षणों को सामान्य बुढ़ापा समझ कर नज़रअंदाज़ करने की कोशिश करते हैं, पर डिमेंशिया का होना उम्र बढ़ने का सामान्य अंग नहीं है. यदि व्यक्ति चालीस पचास या उससे भी कम उम्र के हों, तो लक्षणों को तनाव का नतीजा समझा जा सकता है.जैसा की हमने आपको बताया डिमेंशिया यानि की मनोभ्रंश की स्थिति में व्यक्ति को स्मृति हानि होती है और व्यक्ति के लिए कुछ भी याद रखना मुश्किल हो जाता है जिससे दैनिक जीवन में कई तरह की परेशानियाँ पैदा हो जाती है


डिमेंशिया के लक्षणों के कुछ उदाहरण आइये देखें, डिमेंशिया के लक्षणों के कुछ उदाहरण. यह एक सांकेतिक सूची है, और डिमेंशिया से प्रभावित व्यक्ति में, रोग के बढते साथ ज्यादा और अधिक गंभीर लक्षण नज़र आते हैं. (याद रखें कि हर व्यक्ति में अलग अलग लक्षण नज़र आते हैं. एक व्यक्ति में यह सब लक्षण हों, यह ज़रूरी नहीं, और यह भी ज़रूरी नहीं कि यदि कोई ये लक्षण दिख रहे है तो उस व्यक्ति को डिमेंशिया है–यह जांच तो डॉक्टर ही कर सकते हैं) (यह भी ध्यान में रखें कि कुछ प्रकार के डिमेंशिया में शुरू में व्यक्ति की याददाश्त पूरी तरह से सही सलामत रहती है) ज़रूरी चीज़ें भूल जाना, खासकर हाल में हुई घटनाएँ (जैसे, नाश्ता करा था या नहीं) पार्टी का आयोजन न कर पाना, छोटी छोटी समस्याओं को भी न सुलझा पाना साधारण, रोज-मर्रे के काम करने में दिक्कत महसूस करना गलत किस्म के कपडे पहनना, कपडे उलटे पहनना, साफ़-सुथरा न रह पाना यह भूल जाना कि तारीख क्या है, कौन सा महीना है, साल कौन सा है, व्यक्ति किस घर में हैं, किस शहर में हैं, किस देश में किसी वस्तु का चित्र देखकर यह न समझ पाना कि यह क्या है नंबर जोड़ने और घटाने में दिक्कत, गिनती करने में दिक्कत बोलते या लिखते हुए गलत शब्द का प्रयोग करना, या शब्दों के अर्थ न समझ पाना चीज़ों को गलत, अनुचित जगह पर रख छोडना (जैसे कि घडी को, या ऑफिस फाइल को फ्रिज में रख देना) कुछ काम शुरू करना, फिर भूल जाना कि क्या करना चाहते थे, और बहुत कोशिश के बाद भी याद न कर पाना बड़ी रकम को फालतू की स्कीम में डाल देना, पैसे से सम्बंधित अजीब निर्णय लेना, लापरवाही या गैरजिम्मेदारी दिखाना अपने आप में गुमसुम रहना, मेल-जोल बंद कर देना, चुप्पी साधना छोटी-छोटी बात पर, या बिना कारण ही बौखला जाना, चिल्लाना, रोना, इत्यादि किसी बात को या प्रश्न को दोहराना, जिद्द करना, तर्क न समझ पाना बात बेबात लोगों पर शक करना, आक्रामक होना लोगों की भावनाओं को न समझना या उनकी कद्र न करना सामाजिक तौर तरीके भूल जाना, और अजीबोग़रीब बातें करना भद्दी भाषा इस्तेमाल करना, गाली देना, अश्लील हरकतें करना यह समझना बहुत ज़रूरी है कि डिमेंशिया मंदबुद्धि (mental retardation) नहीं है. यह सन्निपात, उन्माद या संकल्प प्रलाप (delirium) नहीं है. यह पागलपन (insanity) नहीं है. यह अम्नीसिया (स्मृति लोप, स्मृति भ्रंश, amnesia) नहीं है.

अदरक
मनोभ्रंश रोग के लिए अदरक एक बहुत ही बेहतर घरेलू उपचार है। अगर आप डिमेंशिया की बीमारी से पीड़ित है तो आप अदरक का सेवन करके आराम से इस बीमारी का इलाज कर सकते है। आप अदरक का सेवन चाय में भी कर सकती है और चाहें तो सीधे आप अदरक के टुकड़े भी खा सकते है और इसका लाभ ले सकते है।
नारियल तेल
मनोभ्रंश की बीमारी के लिए नारियल तेल का घरेलू नुस्खा भी अपनाया जा सकता है। नारियल तेल मस्तिष्क के संचार को बढ़ावा देता है और मनोभ्रंश के शुरुआती लक्षणों से पीड़ित लोगों में एक सामान्य अनुभूति पैदा करता है जिससे तंत्रिका क्षति होने से बचाया जा सकता है।


हल्दी

हल्दी आयुर्वेद में लंबे समय से इस्तेमाल होने वाला एक मसाला है जो डिमेंशिया के लिए बहुत ही उपयोगी घरेलू उपाय है। इसमें कर्क्यूमिन (curcumin) नामक एक यौगिक होता है, जिसमें एंटीऑक्सिडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। कई शोध से पता चलता है कि हल्दी मस्तिष्क स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देती है और बीटा-एमिलॉइड (beta-amyloid) जो एक प्रोटीन का हिस्सा है वह मस्तिष्क को साफ करके अल्जाइमर रोग को दूर करने में मदद करता है। इसके अलावा, हल्दी मस्तिष्क के तंत्रिका कोशिकाओं को टूटने से बचाती है और मस्तिष्क स्वास्थ्य को ठीक रखती है।
केला
केला पोटेशियम का एक उत्कृष्ट स्रोत माना जाता हैं, जिसकी वजह से आप आसानी से डिमेंशिया का घरेलू उपचार कर सकते है। केला एक उत्कृष्ट वासोडिलेटर (vasodilator) कहलाता है, जो मस्तिष्क में ऑक्सीजन युक्त रक्त प्रवाह को बढ़ावा देता है और स्मृति हानि की संभावना को कम करता है और एकाग्रता में सुधार करता है।
अश्वगंधा
आयुर्वेदिक जड़ी बूटी अश्वगंधा भी डिमेंशिया का अच्छा आयुर्वेदिक इलाज है। कई प्रारंभिक अध्ययन में पाया गया है की अश्वगंधा को बीटा-एमिलॉइड के गठन को रोकने के लिए माना गया है। अश्वगंधा में ऑक्सीडेटिव तनाव (एक कारक जो अल्जाइमर रोग के विकास और प्रगति में योगदान करता है) को कम करके मस्तिष्क को लाभ पहुंचाने का गुण होता है                                                                         
पालक
पालक और अन्य पत्तेदार हरी सब्जियों में फोलेट और बी 9 की समृद्ध मात्रा पायी जाती हैं, जिसे डिमेंशिया के इलाज के लिए एक रामबाण इलाज माना जाता है। पालक अवसाद के जितने भी निम्न स्तर होते हैं, जो मनोभ्रंश का एक प्रमुख कारण भी हो सकते है, उनको ठीक करने का काम करते है।
गोभी
मनोभ्रंश रोग को ठीक करने के लिए आप गोभी का सेवन
भी कर सकते है जो एक अच्छा घरेलू तरीका है। यह क्रूसिफेरस सब्जी फोलेट और कैरोटीनॉयड दोनों का ही एक समृद्ध स्रोत माना जाता है, जो होमोसिस्टीन के स्तर को कम करने में मदद करता है। होमोसिस्टीन को मनोभ्रंश रोग के इलाज के लिए माना जाता है।


चीनी को अवॉइड करें 

सबसे पहले अपने खाने से मीठा , कार्बोहाइड्रेट तथा रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट  सभी को अलग कर दें। जब तक कि आपका वजन नियंत्रित नहीं हो जाता है, कार्बोहाइड्ट वाली चीजों को खाने से बचें। बहुत अधिक चीनी खो से भी दिमागी ऊतक  कमजोर होते हैं जिसका असर याद्दाश्त पर पड़ता है।
ग्रीन टी 
ग्रीन टी भी अच्छे स्वास्थ्य व अच्छे दिमागी विकास के लिए बेहद जरूरी है। ग्रीन टी पीने से शरीर में ऑक्सीजन (Oxygen) का संचार होता है और जमी हुई वसा  दूर होती है। इससे याद्दाश्त बढ़ती है और भूलने की समस्या दूर होती है।
बादाम 
बादाम भी तेज दिमाग के लिए फायदेमंद होता है। बादाम के तेल में वसा होती है जिसे खाने से चर्बी नहीं बढ़ती और दिमाग को अन्य पोषक तत्व ( भी मिलते हैं, जिससे न केवल शरीर बल्कि दिमाग भी स्वस्थ होता है।
सलमन मछली और अंडा 
ठंडे पानी में रहने वाली मछली सलमन और अंडे की जर्दी  दोनों ही दिमाग को तेज बनाती हैं। ऐसे में भोजन में दोनों को शामिल किया जाना बेहद जरूरी है। एक दिन में दो अंडे जरूर खाएं।