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28.6.19

पालक खाने के स्वास्थ्य लाभ ,palak ke fayde



पालक हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होती है यह हमारी त्वचा की देखभाल करती है इसके अलावा यह बेहतर दृष्टि, स्वस्थ रक्तचाप, मजबूत मांसपेशियों, उम्र से संबंधित धब्बेदार अध: पतन (AMD), मोतियाबिंद, एथेरोस्लेरोसिस, दिल का दौरा, न्यूरोलॉजिकल लाभ, ऑस्टियोपोरोसिस, विरोधी अल्सरेटिव और कैंसर विरोधी लाभ, स्वस्थ भ्रूण विकास, और शिशुओं के लिएविकास में वृद्धि आदि इसके सम्मलित लाभ है।
आमतौर पर पालक को केवल हिमोग्‍लोबिन बढ़ाने वाली स‍ब्‍जी माना जाता हैं। बहुत कम लोग जानते हैं कि इसमें इसके अलावा भी बहुत से गुण विद्यमान है। पालक में कैलोरी, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फैट, फाइबर और खनिज लवण होता हैं। साथ ही पालक में विभिन्न खनिज लवण जैसे कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन तथा विटामिन ए, बी, सी आदि प्रचुर मात्रा में पाया जाते हैं।
खून की कमी दूर करें
पालक में आयरन की मात्रा बहुत अधिक होती है और इसमें मौजूद आयरन शरीर आसानी से सोख लेता है। इसलिए पालक खाने से हिमोग्लोबिन बढ़ता है। खून की कमी से पीड़ित व्यक्तियों को पालक खाने से काफी फायदा पहुंचता है।
रक्तचाप को बनाए रखता है Maintains blood pressure
पालक में पोटेशियम की बहुत ही उच्च मात्रा और सोडियम की मात्रा कम होती है। पालक का एक बहुत अधिक खतरा है मिनरलों की यह संरचना उच्च रक्तचाप वाले रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद है क्योंकि पोटेशियम रक्तचाप कम करती है और सोडियम रक्तचाप बढ़ाता है।
पालक में उपस्थित फोलेट उच्च रक्तचाप की कम करने में योगदान देता है और उचित रक्त प्रवाह बनाए रखने के साथ-साथ रक्त वाहिकाओं को आराम देता है। कार्डियोवास्कुलर सिस्टम की मदद से आप तनाव को कम कर सकते हैं और इष्टतम कार्य क्षमता के लिए शरीर के अंग सिस्टम में ऑक्सीजन बढ़ा सकते हैं।


शरीर को बनाये मजबूत
पालक में मौजूद फ्लेवोनोइड्स एंटीआक्सीडेंट का काम करता हैं। यह तत्‍व रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करने के अलावा हृदय संबंधी बीमारियों से लड़ने में भी मददगार होता है। इसमें पाया जाने वाला बीटा कैरोटिन और विटामिन सी क्षय होने से बचाता है। सलाद में इसके सेवन से पाचनतंत्र मजबूत होता है और यह भूख बढ़ाने में सहायक होता है।
तंत्रिका संबंधी लाभ Neurological benefits
पोटेशियम, फोलेट और विभिन्न एंटीऑक्सिडेंट आदि पालक के कई घटक है ये लोगों को न्यूरोलॉजिकल परेशानी में लाभ प्रदान करता है जो इसे नियमित रूप से उपभोग करते हैं। न्यूरोलॉजी के अनुसार, उनकी अल्जाइमर की बीमारी के कारण फोलेट कम हो जाती है।
इसलिए पालक उन लोगों के लिए बहुत अच्छा होते है जो तंत्रिका या संज्ञानात्मक गिरावट के उच्च जोखिम वाले लोग हैं। पोटेशियम भी मस्तिष्क स्वास्थ्य का एक अभिन्न अंग है और यह मस्तिष्क और बढ़ी हुयी अनुभूति, एकाग्रता और तंत्रिका गतिविधि में रक्त के प्रवाह में वृद्धि करता है।
मसल्‍स में मजबूती
अगर आप अपनी बाहों को गठीला और मसल्‍स को मजबूत बनाने चाहते हैं तो अपने आहार में पालक को जरूर शामिल करें। स्वीडन के कारोलिंस्का संस्थान के शोधकर्ताओं के अनुसार, पालक में मौजूद अजैविक नाइट्रेट मांसपेशियां को मजबूत बनाते हैं।



मोतियाबिंद के खतरे को रोकता है Prevents Cataract
पालक में मौजूद ल्यूटिन और ज़ेक्सैंटीन दोनों मजबूत एंटीऑक्सिडेंट के रूप में कार्य करते हैं, इस प्रकार यह हमारी आंखों को UV किरणों के कठोर प्रभाव से बचाता है जिससे मोतियाबिंद हो सकता है। ये मुक्त कणों के प्रभाव को भी कम करते हैं, जो मोतियाबिंद और अन्य नेत्र संबंधित बीमारियों का एक प्रमुख कारण हो सकता है।
गर्भवती के लिए फायदेमंद
गर्भवती महिलाओं में अकसर फोलिक एसिड की कमी हो जाती है, इसकी कमी को दूर करने के लिए पालका का सेवन लाभदायक होता है। साथ ही पालक में पाया जाने वाला कैल्शियम बढ़ते बच्चों, बूढ़े व्यक्तियों और गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद होता है। पालक खाने से स्तनपान करानेवाली माताओ के स्तनों में अधिक दूध बनता है।
गर्मी से राहत
गर्मी में होने वाले नजले, सीने और फेफड़े की जलन में भी यह लाभप्रद होता है। साथ ही पित्त को शांत करता है और गर्मी के कारण होने वाले पीलिया और खांसी में भी बहुत लाभदायक होता है।
रूखापन दूर करें
पालक त्‍वचा को रूखा होने से बचाता है। साथ ही चेहरे के कील मुहांसे मिटाने और त्‍वचा को स्‍वस्‍थ रखने में मददगार होता है। पालक का पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाने से चेहरे से झाइयां दूर हो जाती है। या पालक व गाजर के रस में थोड़ा सा नीबू कस रस को मिलाकर पीने से चेहरा सुंदर और कांतिमय होता है।
गैस्ट्रिक अलसर को कम करता है Helps in Gastric ulcer
यह पाया गया है कि पालक और कुछ अन्य सब्जियों में भी पेट की श्लेष्मा झिल्ली(Mucous membrane) की रक्षा करने की क्षमता होती है, जिससे गैस्ट्रिक अल्सर की को रोका जा सकता है।
इसके अलावा, पालक में पाया जाने वाला ग्ल्य्कोग्ल्य्सरोलिपिड (glycoglycerolipids), पाचन तंत्र के अन्दर की ताकत को बढ़ाता है, जिससे शरीर के उस हिस्से में किसी भी प्रकार की अवांछित सूजन नहीं आती है।
हड्डियों के स्वास्थ्य को बनाए रखता है Keeps bones strong
पालक विटामिन का एक अच्छा स्रोत है, जो हड्डी मैट्रिक्स में कैल्शियम को बनाए रखने का कार्य करता है, यह हड्डियों के लिए एक मिनरल है। इसके अलावा, मैंगनीज, तांबे, मैग्नीशियम, जस्ता और फास्फोरस जैसी अन्य मिनरलों से भी मजबूत हड्डियों के निर्माण में मदद मिलती है।
मोतियाबिंद के खतरे में लाभ
पालक का सेवन करने से हृदय रोग में भी फायदा होता है। इसके लिए आधा चम्‍मच चौलाई का रस, एक चम्‍मच पालक का रस और एक चम्‍मच नींबू का रस तीनों को मिलाकर सुबह नियमित रूप से सेवन करने से हृदय रोगी को लाभ होने लगेगा।
आंखों के लिये लाभकारी
पालक आंखो के लिए काफी अच्छी होती है। इसके सेवन से आंखों की रोशनी बढ़ती हैं। ऐसे लोग जो रतौंधी से परेशान है और उन्‍हें हल्के प्रकाश में स्पष्ट दिखाई नहीं देता उनके लिए पालक किसी चमत्‍कार से कम नहीं होता है। ऐसे लोगों को गाजर व टमाटर के रस में बराबर मात्रा में पालक का जूस मिलाकर लेना चाहिए।
पाचन तंत्र के रोग
आधा गिलास कच्‍चे पालक का रस सुबह उठकर नियमित रूप से पीने से कुछ ही दिनों में कब्‍ज की समस्‍या दूर हो जाती है। आंतों के रोगों में पालक की सब्‍जी खाने से लाभ मिलता है। साथ ही पालक के पत्तों का काढ़ा बनाकर पीने से पथरी पिघल जाती है और यूरीन के रास्‍ते इसके कण बाहर निकल जाते हैं।
बालों के लिए उपयोगी
पालक स्‍वास्‍थ्‍य के लिए ही नहीं बल्कि बालों के लिए भी बहत अच्छा होता है। जो लोग बाल गिरने की समस्‍या से परेशान हैं उन्हें पालक को अपने नियमित आहार में शामिल करना चाहिए। क्‍योकि पालक शरीर में आयरन की कमी को पूरा करके बालों को गिरने से रोकता है।
त्‍वचा की समस्‍या में लाभकारी
पालक झाइयां और झुर्रियों को दूर करने में भी आपकी मदद करता हैं। इसके लिए पालक और नीबू के रस में कुछ बूंदे ग्लिसरीन की मिलाकर सोते समय त्‍वचा पर लगाने से लाभ होता है। या फिर पालक का पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाने से चेहरे से झाइयां दूर हो जाती है। त्वचा पर फोड़े व फुन्सी हो जाने पर पालक के पत्तों को पानी में उबालकर धोने से शीघ्र ठीक हो जाते हैं।
आर्थराइटिस में फायदेमंद
शरीर के जोड़ों में होने वाली बीमारी जैसे आर्थराइटिस, ओस्टियोपोरोसिस की भी संभावना को भी घटाता है। साथ ही जोड़ों के दर्द को दूर करने में भी सहायक होता है। जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए पालक, टमाटर और खीरा आदि सब्जियों को सेवन करना चाहिए या इनका सलाद बनाकर खाना चाहिए।
मोटापा कम करें
पालक के रस में गाजर का रस मिलाकर पीने से चर्बी कम होने लगती है या फिर पालक के रस में नींबू का रस मिलाकर पीने से मोटापा दूर होता है।
  1. पायरिया के घरेलू इलाज
  2. चेहरे के तिल और मस्से इलाज
  3. लाल मिर्च के औषधीय गुण
  4. लाल प्याज से थायराईड का इलाज
  5. जमालगोटा के औषधीय प्रयोग
  6. एसिडिटी के घरेलू उपचार
  7. नींबू व जीरा से वजन घटाएँ
  8. सांस फूलने के उपचार
  9. कत्था के चिकित्सा लाभ
  10. गांठ गलाने के उपचार
  11. चौलाई ,चंदलोई,खाटीभाजी सब्जी के स्वास्थ्य लाभ
  12. मसूड़ों के सूजन के घरेलू उपचार
  13. अनार खाने के स्वास्थ्य लाभ
  14. इसबगोल के औषधीय उपयोग
  15. अश्वगंधा के फायदे
  16. लकवा की चमत्कारी आयुर्वेदिक औषधि वृहत वात चिंतामणि रस
  17. मर्द को लंबी रेस का घोडा बनाने के अद्भुत नुस्खे
  18. सदाबहार पौधे के चिकित्सा लाभ
  19. कान बहने की समस्या के उपचार
  20. पेट की सूजन गेस्ट्राईटिस के घरेलू उपचार
  21. पैर के तलवों में जलन को दूर करने के घरेलू आयुर्वेदिक उपचार
  22. लकवा (पक्षाघात) के आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खे
  23. डेंगूबुखार के आयुर्वेदिक नुस्खे
  24. काला नमक और सेंधा नमक मे अंतर और फायदे
  25. कालमेघ जड़ी बूटी लीवर रोगों की महोषधि
  26. हर्निया, आंत उतरना ,आंत्रवृद्धि के आयुर्वेदिक उपचार
  27. पाइल्स (बवासीर) के घरेलू आयुर्वेदिक नुस्खे
  28. चिकनगुनिया के घरेलू उपचार
  29. चिरायता के चिकित्सा -लाभ
  30. ज्यादा पसीना होने के के घरेलू आयुर्वेदिक उपचार
  31. पायरिया रोग के आयुर्वेदिक उपचार
  32. व्हीटग्रास (गेहूं के जवारे) के रस और पाउडर के फायदे
  33. घुटनों के दर्द को दूर करने के रामबाण उपाय
  34. चेहरे के तिल और मस्से हटाने के उपचार
  35. अस्थमा के कारण, लक्षण, उपचार और घरेलू नुस्खे
  36. वृक्क अकर्मण्यता(kidney Failure) की रामबाण हर्बल औषधि
  37. शहद के इतने सारे फायदे नहीं जानते होंगे आप!
  38. वजन कम करने के उपचार
  39. केले के स्वास्थ्य लाभ
  40. लीवर रोगों की महौषधि भुई आंवला के फायदे
  41. हरड़ के गुण व फायदे
  42. कान मे मेल जमने से बहरापन होने पर करें ये उपचार
  43. पेट की खराबी के घरेलू उपचार
  44. शिवलिंगी बीज के चिकित्सा उपयोग
  45. दालचीनी के फायदे
  46. बवासीर के खास नुखे
  47. भूलने की बीमारी के उपचार
  48. आम खाने के स्वास्थ्य लाभ
  49. सोरायसीस के उपचार
  50. गुर्दे की सूजन के घरेलू उपचार




15.1.19

हृदय रोगियों के लिए उपकारी है पोटेशियम युक्त आहार

                                        


उच्च-पोटेशियम वाले खाद्य पदार्थ किसी भी संतुलित आहार का एक अनिवार्य हिस्सा हैं। खनिज आपके शरीर के द्रव स्तर, मांसपेशियों के कार्य में सहायक और अपशिष्ट को हटाने में मदद करता है और आपके तंत्रिका तंत्र को ठीक से काम करने के लिए प्रेरित करता है। रिसर्च से पता चलता है कि उच्च रक्तचाप वाले लोगों में पोटेशियम युक्‍त फूड रक्तचाप और स्ट्रोक के जोखिम को कम कर सकता है। यहां हम आपको ऐसे ही कुछ पोटैशियम युक्‍त फूड के बारे में बता रहे हैं जिनका सेवन करना आपके लिए पूरी तरह से सुरक्षित है और स्‍वास्‍थ्‍य के लिए फायदेमंद भी है।
पोटैशियम युक्‍त  आहार 

आलू 

आलू में केले से ज्यादा पोटैशियम होता है। हैरान रह गए न आप? जी हां! एक मीडियम साइज के उबले हुए आलू में 941 मिलीग्राम पोटैशियम होता है। ये दैनिक जरूरत का लगभग 20 प्रतिशत है। लेकिन इसके लिए आलू को उबलने के बाद थोड़ा थंडा हो जाने दीजिए। आलू में मौजूद स्टार्च गठिया रोग में भी फायदेमंद होता है। आलू के अलावा शकरकंद में भी भरपूर पोटैशियम होता है।

पालक

पालक गुणों की खान है और इसमें ढेर सारे मिनरल्स औैर विटामिन्स होते हैं। पालक में पोटैशियम की मात्रा भी भरपूर होती है। एक कप पालक में लगभग 540 मिलीग्राम पोटैशियम होता है। इसके अलावा पालक आयरन और फाइबर का भी महत्वपूर्ण स्रोत है। इसलिए इसके सेवन से शरीर को कई स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। एनीमिया में पालक के सेवन से लाभ मिलता है।

चुकंदर

चुकंदर में शरीर को फायदा पहुंचाने वाले ढेर सारे तत्व होते हैं। चुकंदर में पोटैशियम भी भरपूर पाया जाता है। एक कप चुकंदर में लगभग 518 मिलीग्राम पोटैशियम होता है जो आपकी दैनिक जरूरत का लगभग 11 प्रतिशत है। चुकंदर में आयरन भी भरपूर होता है इसलिए ये ब्लड में हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाता है और एनीमिया जैसे खून की कमी वाली बीमारियों से बचाता है। 




केला 

यदि आपने किसी पोटेशियम युक्त खाद्य पदार्थ के बारे में सुना है, तो आप शायद जानते होंगे कि केले एक अच्छा स्रोत हैं, जिसमें लगभग 400 मिलीग्राम से अधिक पोटेशियम होता है। केले एक हेल्‍दी और एनर्जी स्नैक हैं। यह विटामिन बी 6 में उच्च होता है और फाइबर और विटामिन सी का एक अच्छा स्रोत है।

शकरकंद

शकरकंद में भरपूर मात्रा में पोटेशियम होता है। एक सामान्‍य आकार की शकरकंद में 694 मिलीग्राम तक पोटेशियम होता है। यह हमारी रोजमर्रा की जरूरत का 15 फीसदी होता है। इसके साथ ही इसमें कैलोरी की मात्रा भी कम होती है। एक शकरकंद में केवल 131 कैलोरी होती हैं। यानी शकरकंद का सेवन हमारी सेहत पर दोतरफा सकारात्‍मक प्रभाव डालता है। इतना ही नहीं शकरकंद में बीटा कोरटेन और विटामिन ए भी भरपूर मात्रा में होता है। इन खूबियों के कारण आप इसे सुपरफूड भी कह सकते हैं। 

संतरे का जूस

संतरे का जूस नाश्‍ते में बेहद फायदेमंद होता है। संतरे को विटामिन सी से भरपूर माना जाता है। लेकिन, इसके साथ ही इसमें भरपूर मात्रा में पोटेशियम भी होता है। इसकी सबसे अच्‍छा बात यह है कि इसे बनाना भी बेहद आसान है। और साथ ही अगर आपको संतरे को यूं ही खाना चाहें तो भी कोई दिक्‍कत नहीं। 

पत्‍तेदार सब्जियां 

यह पत्‍तेदार सब्जी न केवल विटामिन ए और विटामिन 'के' से भरपूर होती है, बल्कि साथ ही इसमें पोटेशियम भी काफी मात्रा में होता है। इसके महज आधे कप में 655 मिलीग्राम पोटेशियम होता है। इसका सेवन करने से पोषण संबंधी आपकी काफी आवश्‍यकतायें पूरी हो सकती हैं। यह सुपरफूड वीटा कोर‍टेन और विटामिन ए से भी भरपूर होता है।

खजूर

अपनी गर्म तासीर के लिए खजूर सर्दियों का खास ड्राई फूट होता है। मूल रूप से मध्‍य एशिया का खजूर स्‍वाद में तो लाजवाब होता ही है साथ ही इसके कई स्‍वास्‍थ्‍य लाभ भी होते हैं। आधा कप खजूर में 584 मिलीग्राम पोटेशियम होता है। खजूर को आप दूध के साथ भी खा सकते हैं। 

टमाटर

टमाटर सलाद से लेकर सब्‍जी तक में इस्‍तेमाल किया जाता है। लाल टमाटर भारत के सतरंगी भोजन का अहम हिस्‍सा है। चौथाई कप टमाटर पेस्‍ट में 2.8 मिलीग्राम विटामिन ई होता है। यह हमारी रोजमर्रा की जरूरत का पांचवां हिस्‍सा होता है। इसके साथ ही इसमें 664 मिलीग्राम पोटेशियम, 34 मिलीग्राम लिकोपिन और 54 कैलोरी होती हैं। अपनी इन खूबियों के कारण इसे सुपरफूड भी कहा जा सकता है। 

दही

दही में कई पोषक तत्‍व होते हैं। इसमें कैल्श्यिम भी भरपूर मात्रा में होता है, जो हमारी हड्डियों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। लेकिन, शायद आपको यह न पता हो कि दही में पोटेशियम भी प्रचुर मात्रा में होता है। करीब 220 ग्राम नॉन-फैट दही में 579 मिलीग्राम तक पोटेशियम होता है।
  • पायरिया के घरेलू इलाज
  • चेहरे के तिल और मस्से इलाज
  • लाल मिर्च के औषधीय गुण
  • लाल प्याज से थायराईड का इलाज
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  • वजन कम करने के उपचार
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