5.12.09

पित्ताशय की पथरी (गाल ब्लाडर स्टोन) के घरेलू उपचार // Remedies for gallstones.



                                                      
   गॉल ब्लाडर में पथरी (gallstones)बनना एक भयंकर पीडादायक रोग है। इसे ही पित्त पथरी कहते हैं। पित्ताषय में दो तरह की पथरी बनती है।
प्रथम कोलेस्ट्रोल निर्मित पथरी।
दूसरी पिग्मेन्ट से बनने वाली पथरी।
   ध्यान देने योग्य है कि लगभग ८०% पथरी कोलेस्ट्रोल तत्व से ही बनती हैं।वैसे तो यह रोग किसी को भी और किसी भी आयु में हो सकता है लेकिन महिलाओं में इस रोग के होने की सम्भावना पुरुषों की तुलना में लगभग दूगनी हुआ करती है।पित्त लिवर में बनता है और इसका भंडारण गॉल ब्लाडर में होता है।यह पित्त वसायुक्त भोजन को पचाने में मदद करता है। जब इस पित्त में कोलेस्ट्रोल और बिलरुबिन की मात्रा ज्यादा हो जाती है,तो पथरी निर्माण के लिये उपयुक्त स्थिति बन जाती है। प्रेग्नेन्सी,मोटापा,मधुमेह,,अधिक बैठे रेहने की जीवन शैली, तेल घी अधिकता वाले भोजन,और शरीर में खून की कमी से पित्त पथरी रोग होने की सम्भावना बढ जाती है।

   दो या अधिक बच्चों की माताओं में भी इस रोग की प्रबलता देखी जाती है।
अब मैं कुछ आसान घरेलू नुस्खे प्रस्तुत कर रहा हूं जिनका उपयोग करने से इस भंयकर रोग से होने वाली पीडा में राहत मिल जाती है और निर्दिष्ट अवधि तक इलाज जारी रखने पर रोग से मुक्ति मिल जाती है।
१) गाजर और ककडी का रस प्रत्येक १०० मिलिलिटर की मात्रा में मिलाकर दिन में दो बार पीयें। अत्यन्त लाभ दायक उपाय है।
२) नींबू का रस ५० मिलिलिटर की मात्रा में सुबह खाली पेट पीयें। यह उपाय एक सप्ताह तक जारी रखना उचित है।


३) हल्दी -

पथरी के लिए यह एक उत्तम घरेलू उपचार है। यह एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी इन्फ्लेमेट्री (प्रदाहनाशक) होती है। हल्दी पित्त, पित्त यौगिकों और पथरी को आसानी से विघटित कर देती है। ऐसा माना जाता है कि एक चम्मच हल्दी लेने से लगभग 80 प्रतिशत पथरी खत्म हो जाती हैं।

४) चुकंदर, नाशपाती और सेब का रस-

इन रसों के द्वारा पथरी का प्राकृतिक तरीके से प्रभावी उपचार किया जा सकता है। विभिन्न रस जैसे चुकंदर का रस, नाशपाती का रस और सेब का रस लीवर को स्वच्छ करते हैं। पथरी बनने से रोकने के लिए इन तीनों रसों के मिश्रण का सेवन करें।



५) सूरजमुखी या ओलिव आईल ३० मिलि खाली पेट पीयें।इसके तत्काल बाद में १२० मिलि अन्गूर का रस या निम्बू का रस पीयें। यह प्रक्रिया 3 हफ़्तों तक जारी रखने पर अच्छे परिणाम मिलते हैं।

६) पुदीना-

यह पित्त तथा अन्य पाचक रसों के प्रवाह को उत्तेजित करता है। इसमें टेरपिन नामक यौगिक पाया जाता है जो प्रभावी रूप से पथरी को विघटित करता है। आप पुदीने की पत्तियों को उबालकर पिपरमेंट टी भी बना सकते हैं। पथरी एक लिए यह एक प्रभावी घरेलू उपचार है।

७) नीबू का रस

 नीबू का रस या खट्टे फलों का रस पित्ताशय में कोलेस्ट्राल को जमा होने से रोकता है तथा इस प्रकार पथरी बनने से बचाव करता है। दिन में तीन बार नीबू का रस लें।
८) नाशपती का फ़ल खूब खाएं। इसमें पाये जाने वाले रसायनिक तत्व से पित्ताषय के रोग दूर होते हैं।

९) चुकंदर, खीरा और गाजर का रस

पित्ताशय की थैली को साफ और मजबूत करने और लीवर की सफाई के लिए चुकंदर का रस, ककड़ी का रस और गाजर के रस को बराबर मात्रा में मिलाये। यह संयोजन आपको पेट और खून की सफाई में भी मदद करता है। खीरे में मौजूद उच्च पानी सामग्री और गाजर में विटामिन सी की उच्च मात्रा मूत्राशय से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालती है।

१०) विटामिन सी याने एस्कोर्बिक एसिड के प्रयोग से शरीर का इम्युन सिस्टम मजबूत बनता है। विटामिन सी शरीर के कोलेस्ट्राल को पित्त अम्ल में परिवर्तित करती है जो पथरी को विघटित करता है। आप विटामिन सी संपूरक ले सकते हैं या ऐसे खाद्य पदार्थ खा सकते हैं जिनमें विटामिन सी प्रचुर मात्रा में हो जैसे संतरा, टमाटर आदि। पथरी के दर्द के लिए यह एक उत्तम घरेलू उपचार है।

११) इसबगोल

एक उच्च फाइबर आहार, पित्ताशय की थैली की पथरी के इलाज के लिए बहुत आवश्यक है। इसबगोल घुलनशील फाइबर का अच्‍छा स्रोत होने के कारण पित्त में कोलेस्ट्रॉल को बांधता है और पथरी के गठन को रोकने में मदद करता है। आप इसे अपने अन्‍य फाइबर युक्त भोजन के साथ या रात को बिस्‍तर पर जाने से पहले एक गिलास पानी के साथ ले सकते हैं।


१२) अरंडी का तेल 

यह पथरी को रोकने और कम करने में सहायक होता है। इसमें प्रदाहनाशक गुण होता है तथा यह दर्द को कम करता है। प्रतिरक्षा और लसिका प्रणाली पर कैस्टर ऑइल का सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। जहाँ पित्ताशय होता है उस स्थान पर हलके हाथों से कैस्टर ऑइल से मालिश करें।

१३) लाल शिमला मिर्च-

2013 में हुए एक अध्ययन के अनुसार, शरीर में भरपूर मात्रा में विटामिन सी पथरी की समस्‍या कम करता है। एक लाल शिमला मिर्च में लगभग 95 मिलीग्राम विटामिन सी होता है, यह मात्रा पथरी को रोकने के लिए काफी होती है। इसलिए अपने आहार में शिमला मिर्च को शामिल करें।

१४) ऐप्पल सीडर विनेगर की अम्लीय प्रकृति लीवर को कोलेस्ट्राल बनाने से रोकती है जो अधिकाँश पथरियों का कारण होता है। यह पथरी को विघटित करने तथा दर्द को समाप्त करने में सहायक होता है।
१५) पित्त पथरी रोगी भोजन में प्रचुर मात्रा में हरी सब्जीयां और फ़ल शामिल करें। ये कोलेस्ट्रोल रहित पदार्थ है।
१६) तली-गली,मसालेदार चीजों का परहेज जरुरी है।
१७) शराब,चाय,काफ़ी एवं शकरयुक्त पेय हानिकारक है।
१८) एक बार में ज्यादा भोजन न करें। ज्यादा भोजन से अधिक मात्रा में कोलेस्ट्रोल निर्माण होगा जो हानिकारक है।


 विशिष्ट परामर्श-
   

माडर्न चिकित्सा मे गॉल स्टोन  की कोई सफल औषधि नहीं होने से  सर्जरी  द्वारा रोगी के  पित्ताशय को ही निकाल  दिया जाता है  जिसके दुष्परिणाम  जीवन भर  भुगतने पड़ते हैं|  वैध्य  श्री दामोदर  98267-95656 जड़ी बूटियों की औषधि  से  बड़ी पित्त पथरी  का सफलता से  ईलाज कर रहे हैं|  आपरेशन की जरूरत ही नहीं पड़ती| यह पेट दर्द ,गैस होना ,जी घबराना कब्ज आदि लक्षणो मे भी रामबाण औषधि है|





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12 टिप्‍पणियां:

dr.damodar ने कहा…

पित्त पथरी नाशक इस आर्टिकल में डा आलोक ने अत्यन्त उपकारी नुस्खे प्रस्तुत किये हैं । इन नुस्खों के सावधानी पूर्वक प्रयोग से रोगी गाल ब्लाडर उच्छेदन करने वाली सर्जरी से बच सकता है। इसके अलावा बोलिया के एक वैद्य ०९८२६७९५६५६ अपने हर्बल फ़ार्मूले से १० एम एम तक की पित्त पथरी गलाकर नष्ट करने की प्रसिद्धी प्राप्त कर रहे हैं। जो भी हो मेरे विचार से रोगी को आपरेशन से बचाना ही प्रमुख उद्देश्य है।

dilip rathore shamgarh ने कहा…

अन्य देशों के मुकाबले भारत में पित्त पथरी के मामले कम मिलते हैं। जानकार लोग मानते हैं कि भारत में हल्दी का उपयोग ज्यादा होने से पित्त पथरी कम बनती है। याने हल्दी का खुलकर् उपयोग करने से गाल स्टोन रोग से बचाव होता है। डा. आलोक अनुभवी हर्बेलिस्ट हैं, इस कठिन रोग से मुक्ति हेतु लेखक के बताये नुस्खों पर अमल करना फ़ायेदे मंद होगा।

rahul rathore ने कहा…

पित्त पथरी के बारे मे डा.आलोक का यह आर्टिकल हिन्दी भाषा में उपयोगी चिट्ठा है।अगर इन आसान उपायों से इस भयंकर बीमारी से निजात मिल जाए तो चीर फ़ाड की परेशानी से मुक्ति मिलेगी। अच्छे लेख के लिये धन्यवाद!

Rector Kathuria ने कहा…

बहुत ही अच्छा, ज्ञान वर्धक और लोगों को स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने वाला है...
....ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है....मैंने आज आपका ब्लॉग पहली बार देखा..इसके लिए चिठ्ठाजगत और समीर लाल जी का भी आभारी हूँ....वह हर रोज़ अच्छे अच्छे ब्लागों से परिचय करवाते रहते हैं.....
कभी संभव हो तो लुधियाना का रुख भी करिए...

आपका अपना ही...
रेक्टर कथूरिया

RAJNISH PARIHAR ने कहा…

अच्छे लेख के लिये धन्यवाद!

अजय कुमार ने कहा…

हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
कृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें

जयराम “विप्लव” JAYRAM VIPLAV ने कहा…

" बाज़ार के बिस्तर पर स्खलित ज्ञान कभी क्रांति का जनक नहीं हो सकता "

हिंदी चिट्ठाकारी की सरस और रहस्यमई दुनिया में राज-समाज और जन की आवाज "जनोक्ति.कॉम "आपके इस सुन्दर चिट्ठे का स्वागत करता है . चिट्ठे की सार्थकता को बनाये रखें . अपने राजनैतिक , सामाजिक , आर्थिक , सांस्कृतिक और मीडिया से जुडे आलेख , कविता , कहानियां , व्यंग आदि जनोक्ति पर पोस्ट करने के लिए नीचे दिए गये लिंक पर जाकर रजिस्टर करें . http://www.janokti.com/wp-login.php?action=register,

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satya vachan ने कहा…

आधुनिक चिकित्सा में गाल स्टोन का कोइ इलाज नहीं है। ये घरेलू नुस्खे अगर इस बीमारी को ठीक करें तो रोगियों को कष्ट से निजात मिलेगी। आजकल इस बीमारी को लेकर सर्जरी में भी काफ़ी उलझने पैदा हो रही हैं। जानकारीपूर्ण लेख के लिये डा.साब का आभार!

rathore jagdish ने कहा…

लोकोपयोगी लेख के लिए धन्यवाद!

dilip rathore shamgarh ने कहा…

very good article on gall stone disease.practicle home remedies are given.thanks

ramesh ashutosh ने कहा…

जन हित में बतादूं कि पित्ताषय में बनने वाली पथरी का ईलाज हर्बल दवा से वैध्य दामोदर करते हैं और जहां तक मुझे जानकारी है लॊगों को लाभ भी होता है।लोकोपयोगी लेख के लिये डा.आलोकजी का आभार!

chhaya panwar ने कहा…

good post.tghanks.